निर्भया के दरिंदों को फांसी देकर पिता का ये सपना पूरा करेगा पुश्तैनी जल्लाद पवन, कही ये बड़ी बात

निर्भया के चारों दोषियों के दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मौत के वारंट जारी कर दिए। इसके लिए तिहाड़ जेल प्रशासन ने मेरठ से पवन जल्लाद की सेवाएं लेने की अनुमति मांगी है। वहीं अनुमति मिलते ही जल्लाद पवन कुमार के चेहरे पर खुशी चमक रही है। जल्लाद पवन अपने जीवन में पहली बार किसी दोषी को फांसी देंगे। लेकिन फांसी देने से पहले क्या है उनका कहना आइए जानते हैं: -


मंगलवार को जैसे ही निर्भया के दोषियों का डेथ वारंट जारी हुआ। मेरठ के पवन जल्लाद दिल्ली जाने की तैयारी में जुट गए। उन्होंने मीडिया से कहा कि मैं चारों दोषियों को फांसी देने का हौसला रखता हूं। मैं पूरी तरह तैयार हूं। सरकारी आदेश मिलते ही मैं दिल्ली के लिए रवाना हो जाऊंगा।  


मुझे बड़ा सुकून मिलेगा
गौरतलब है कि खुद पांच बेटियों के पिता जल्लाद पवन कुमार देश की बेटी निर्भया के दरिंदों को फांसी देने के लिए उत्सुक हैं। एक सवाल पर पवन ने कहा कि जल्लाद के साथ ही पांच बेटियों का पिता होने के नाते मुझे ऐसे दरिंदों को फांसी देने से बड़ा सुकून मिलेगा। उस बेटी के परिजनों को भी सुकून मिलेगा, जिसके साथ इन दरिंदों ने ऐसी हैवानियत की थी। साथ ही यह समाज में कड़ा संदेश भी जाएगा कि इस तरह के कृत्यों की सजा सिर्फ मौत होगी। 




पिता का सपना पूरा करूंगा
पवन जल्लाद ने बताया कि वह बचपन से ही अपने दादा कल्लू जल्लाद और पिता मम्मू जल्लाद से फांसी देने के किस्से सुनता था। पिता की अंतिम इच्छा थी कि वह कसाब को फांसी लगाते। लेकिन वह पूरी नहीं हुई। पिता चाहते थे कि दरिंदों को फांसी पर लटकाया जाए। मैं ऐसे दरिंदों को फांसी लगाकर पिता की इच्छा पूरी करूंगा।




बता दें कि पवन एक पुश्तैनी जल्लाद हैं। उनके दादा और पिता भी जल्लाद थे। बताते हैं कि उनके पिता जब फांसी देने जाते थे तो उन्हें देखकर लोग डर जाते थे। वहीं एक रिपोर्ट के अनुसार फकीरा जल्लाद तो इतना काला था कि वह फांसी देने जाता था तो काले वस्त्र पहनता था जो खुद को यमराज की तरह प्रदर्शित करता था। इसी तरह जल्लाद पवन के पिता की भी तोंद बाहर निकली हुई थी।


आपको जानकारी हैरानी होगी कि वर्तमान में देश में केवल दो ही जल्लाद हैं। राज्य सरकार की ओर से उन्हें तीन से पांच हजार तक मानदेय प्रतिमाह दिया जाता है। लेकिन जब इन्हें किसी दोषी को फांसी देनी होती है तो इसके लिए उन्हें अलग से रुपये मिलते हैं। इंदिरा गांधी के हत्यारों को फांसी देने पर जल्लाद को 25 हजार रुपये मिले थे।